नवरात्रि भारत का एक प्रमुख और पावन पर्व है। यह समय माँ दुर्गा की उपासना, साधना और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। नवरात्रि का आरंभ कलश स्थापना अथवा घट स्थापना से होता है, जिसे इस पर्व की आधारशिला कहा जाता है।
2025 की नवरात्रि विशेष है क्योंकि यह आदि शक्ति की आराधना और सकारात्मक ऊर्जाओं के संचार का अनोखा अवसर लेकर आएगी।
🗓️ नवरात्रि 2025 प्रारंभ तिथि और कलश स्थापना मुहूर्त
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नवरात्रि प्रारंभ तिथि (प्रतिपदा): सोमवार, 22 सितम्बर 2025
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कलश स्थापना (घटस्थापना) शुभ मुहूर्त: प्रातः 06:11 AM से 07:40 AM (IST)
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अभिजीत मुहूर्त (वैकल्पिक): 11:47 AM से 12:35 PM (IST)
👉 शास्त्रों में कहा गया है कि घट स्थापना सूर्योदय काल अथवा अभिजीत मुहूर्त में करना सर्वश्रेष्ठ है। यदि यह संभव न हो तो दिन के प्रथम प्रहर में भी स्थापना की जा सकती है।
🌸 कलश स्थापना विधि (स्टेप-बाय-स्टेप)
- शुद्धिकरण
घर और पूजा स्थान की सफाई करें। गंगाजल का छिड़काव करें। - कलश स्थापना
- मिट्टी के पात्र में जौ (बार्ली) बोएं।
- तांबे/पीतल के कलश में जल, सुपारी, सिक्का, दूर्वा और अक्षत डालें।
- आम के पत्ते लगाकर कलश के ऊपर नारियल रखें।
- देवी आह्वान
कलश पर लाल चुनरी चढ़ाएँ और माँ दुर्गा का ध्यान करें।
मंत्र जपें:
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” - दीप प्रज्वलन
अखंड ज्योति जलाएँ। यह पूरे नवरात्रि माँ दुर्गा की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक है।
🔮 ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व
- कलश को संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक माना गया है।
- नारियल माँ दुर्गा के स्वरूप का और कलश का जल जीवन ऊर्जा का प्रतीक है।
- विधिवत कलश स्थापना करने से साधक को सकारात्मक ऊर्जा, धन लाभ और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- 2025 की नवरात्रि तुला और कन्या राशि वालों के लिए विशेष शुभ है। यह करियर ग्रोथ, पारिवारिक सुख और समृद्धि का संचार करेगी।
🕉️ नवरात्रि के विशेष उपाय
- धन लाभ के लिए: प्रतिदिन श्री सूक्त का पाठ करें और कमल का पुष्प लक्ष्मी जी को अर्पित करें।
- शांति और सुख के लिए: घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में कलश रखें और रोज धूप-बत्ती करें।
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति हेतु: कपूर और लौंग का हवन करें।
- राहु–केतु दोष से राहत हेतु: नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
🌼 दैनिक जीवन में कलश स्थापना का महत्व
- कलश स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य शक्ति का संचार होता है।
- इससे साधक की आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- घर का वातावरण सुखद और शांतिमय हो जाता है।
📌 निष्कर्ष
नवरात्रि 2025 में कलश स्थापना केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक साधना और जीवन में नई ऊर्जा जगाने का साधन भी है।
सही मुहूर्त और विधि से की गई स्थापना माँ दुर्गा की विशेष कृपा दिलाती है।
“या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥“
प्रश्न: क्या नवरात्रि में कलश स्थापना बिना पंडित के की जा सकती है?
उत्तर: जी हाँ, कलश स्थापना बिना पंडित के भी की जा सकती है। मुख्य बात शुद्ध मन, श्रद्धा और सही मुहूर्त का पालन करना है। यदि आप विधिवत चरणों का अनुसरण करें—कलश में जल भरें, नारियल व आम्रपल्लव रखें, जौ बोएं और माँ दुर्गा का मंत्र जप करें, तो स्थापना पूर्ण मानी जाती है।